User:Ramkishore Pawar
शिव की ताकत को कम करने के लिए बार - बार नरेन्द्र मोदी को हीरो हीरालाल बनाने के पीछे की साजीश
रामकिशोर पंवार रोंढावाला
मैं पिछले कुछ दिनो से देख रहा हूं कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को सुन्योजित तरीके से भाजपा का एक धडा नीचा दिखाने का प्रयास कर रहा है। आज जिस गुजरात राज्य की विकास का गाथा को अन्ना और पन्ना गा रहे है वह मध्यप्रदेश के पानी से सींची हुई हैं। जिस दिन भी मध्यप्रदेश सोच लेगा उस दिन पूरा गुजरात पानी को तरस जाएगा। आज पूरे गुजरात की जीवन रेखा कहलाने वाली मां नर्मदा और मां ताप्ती पर आश्रित पूरा गुजरात सुख समद्ध न होता यदि मध्यप्रदेश या शिवराज या मैं अपना दिल बडा नहीं रखते.....! यकिन नहीं आ रहा हैं तो इस सत्य को गांठ बंाध कर रख लीजिए...... बैतूल जिले से निकलने वाली मां सूर्यपुत्री ताप्ती के जल का पूरा जिला और प्रदेश मात्र दो पैसे भी उपयोग नहीं कर पा रहा हैं। सूरत की ही नहीं पूरे गुजरात की सूरत बदलने वाली ताप्ती के जल के प्रति हम अपनत्व या भाईचार का व्यवहार नहीं अपनाते हैं और नदी जल संधि पर चलते तो गुजरात को मिलने वाला पानी उसके खारे पानी के स्वाद को ठीक से बदल भी नहीं पाता किसी भी राज्य की प्रगति में किसकी कितनी भुमिका रहती है यह तो ईश्वर ही जानता है लेकिन नदी और नारी के त्याग को कभी भूलाया नहीं जा सकता।नदी और नारी का जिसने भी मान - सम्मान नहीं किया उसके विनाश के दिन करीब ही रहते हैं; मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार नारी के सम्मान के प्रति उदार दिल की रही हैं। प्रदेश में कई ऐसी महत्वाकांक्षी योजानाएं संपादित हो रही हैं। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को अपने राज्यों में अपनाने के लिए दुसरे राज्यों से लोग आए और प्रदेश की योजनाओं की सराहना करके चले गए। इस समय पूरे देश में शिवराज सिंह की बढती लोकप्रियता के चलते अन्य राज्यों के अति महत्वाकांक्षी लोगो द्वारा भगत , भुमकाओं , साधु , संतो , बाबाओं , और ऐसे आधारहीन सामाजिक कार्यकर्त्ता से अपनी पीठ थपथपवाई जा रही हैं जो स्वंय आज तक आजाद भारत और गुलाम भारत में कभी गांव या चौपाल के पंच का चुनाव तो दूर किसी पंचायत के मुखिया तक नहीं चुने गए । स्वंयभू भगवाधारी और विचारक कहने वाले ऐसे लोगो के द्वारा परोसा जाने वाला कथित चिंतन ,मनन सर के ऊपर से चला जाता हैं। मुझे अन्ना महाजन का स्वंय को दुसरा गंाधी प्रचारित करने का तरीका पसंद नहीं आया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्ना के द्वारा स्वंय को गांधी प्रचारित करवाने के मामले में इसलिए चुप बैठे क्योकि अन्ना ने उन्हे मिस्टर क्लीन की डिग्री पहना दी । मुझे समझ में आज तक यह नहीं आ रहा हैं क्या यह देश मूर्खो या अनपढ गवारों का देश जिसमें कोई भी हमारे राष्टपिता से स्वंय की तुलना करवा के महान बनने लगा हैं। मुझे याद हैं कि इस देश में केवल गांधी के बाद सीमांत गांधी को उनका नाम और सम्मान मिला हैं वह भी गांधी जी के समय उसके बाद कोई दुसरा महापुरूष गांधी नहीं बन सका हैं। विदेशो में कई नेताओं को खास कर गरीबो एवं पिछडो की लडाई लडने वालों को गांधी का नाम और सम्मान मिला है। ऐसे महान लोगो में नेलशन मंडेला जिसे अश्वेत गांधी के नाम से पुकारा जाता हैं। कल तक गुमनामी की जिदंगी जीने वाले महाराष्ट के गली एवं माहल्ले , तहसील , तालुका तक सीमित व्यक्ति द्वारा स्वंय को गांधी के रूप में प्रचारित करवाना और शिवराज के बदले नरेन्द्र मोदी को हीरो - हीरालाल बना कर महिमा मंडित करना एक ऐसे राज्य के मुख्यमंत्री की लोकप्रियता पर पर्दा डालना हैं जो पिछडे समाज का प्रतिनिधित्व करता है। शिवराज सिंह चौहान एक छोटे से गांव जैत से अपना सफर शुरू करके उस मुकाम पर पहुंचे जबकि भाजपा में ऐसे कई नेता हैं जो कि हाई प्रोफाइल कहे जाते है। राजमहल से आते हैं और सीधे राजा कहलाते है। बात चाहे वंसुधरा की हो या किसी और कि लेकिन सच हमेशा कडवा है।आज शिवराज प्रदेश में पार्टी की नहीं बल्कि स्वंय की लोकप्रियता के बल पर जमीन से आसमान तक पहुंचे है। शिव को वास्तव में राज मिला है, जबकि अन्य लोगो को धक्का देकर सपोट देकर शीर्ष पर पहुंचाने की कवायद हुई है। मैं व्यक्तिगत रूप से शिवराज सिंह चौहान से बेहद नाराज हूं क्योकि उनकी सरकार में नारी को तो सम्मान मिला लेकिन नदी को नहीं। मां सूर्यपुत्री ताप्ती के सम्मान की लडाई हमारी आज भी जारी है; जिस प्रकार शिवराज अपनी नर्मदा मैया को भोपाल ले जाने के पीछे दिन रात मेहनत कर रहे है ठीक उसी प्रकार मैं भी अपनी ताप्ती मैया को प्रदेश सरकार के गान में शामिल करवाने के लिए लगा हूं। वह लडाई अलग और अपनी जगह है लेकिन कोई मेरे प्रदेश के विकास कार्यो के सामने गोधरा कांड के आरोपो के दाग से झुलसे मुख्यमंत्री को क्लीन चीट दे मुझे गंवारा नहीं। अजा मेरा प्रदेश सबसे अच्छा एवं सबसे सुदंर प्रदेश है। ऐसे राज्य के मुखिया के कार्यो की सराहना होनी चाहिए। नरेन्द्र मोदी उम्र में शिवराज सिंह से बडे हो सकते है लेकिन शिवराज की लोकप्रियता के सामने बौन है । मेरे ख्याल से यह सबसे बडा दुरःभार्ग्य होगा कि बिहार में जिस राज्य के मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से आने पर रोक लगा दी हो वह भी उस पार्टी के गठबंधन के मुखिया ने जिसकी बैसाखी स्वंय भाजपा बनी हुई हैं। कम से कम मेरे प्रदेश के मुखिया के बारे में देश का कोई भी राज्य या मुख्यमंत्री ऐसी विचारधारा या अवधारना नही रखता हैं कि उसके आने या जाने से उसे कोई राजनैतिक नुकासान हो सकता हैं। चलते - चलते अपनी बात को कुछ इस ्रप्रकार समाप्त करता हूं कि मैले क्यों क्या किसी ने कीचड डाल दिया है, या स्वंय कीचड से सने हुए है।