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User:M7red

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  • बाबा साहब* ने कहा था मिशन का काम करना फांसी के फंदे पर चढ़ने से भी ज्यादा कठिन काम है। क्योंकि फांसी के फंदे पर चढ़ने से व्यक्ति एक बार मे ही मर जाता है। किंतु मिशन का काम करने वाला रोज मरता है।उसकी रातो की नींद व दिन का चैंन छिन जाता है।

उसे कही अपमान तो कही सम्मान, कहीं गाली तो कहीं मिठाई, कहीं भोजन तो कहीं उपवास इन सबको जो सह कर आगे बढ़ता है वही मिशनरी कहलाता है! ..........अगर सिर्फ मरने के डर से जीते हो तो अभी मर जाओ, मामला खत्म, मेहनत बच जाएगी. मरना तो सबको एक दिन है ? मर मर के जीना नहीं चाहते हो तो.....?

, समाज के लिए जीयो, जिंदगी का एक उद्देश्य बनाओ. गुलामी की जंजीर मे जकड़े समाज को आजाद कराओ.!अपना और अपने बच्चो का भरण पोषण तो एक जानवर भी कर लेता है मेरी नजर में इन्सान वहीं है जो समाज की भी चिंता करे और समाज के लिए कार्य भी करे, नही तो डूब मरे ,बेशक अगर जिंदगी सिर्फ खुद के लिए ही जी रहे हो तो......" " जय भीम " "जय मूलनिवासी " 🙏🙏🙏🙏🙏