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User:Heeta112

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जगन्नाथ संस्कृति के परम् विद्वान परम् पूज्य पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी

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भविष्य मालिका पुराण 2023 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है, जिसे पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने लिखा है। यह पुस्तक मुख्य भविष्य मालिका ग्रंथ का हिंदी अनुवाद है।यह पुस्तक हमें पृथ्वी से पाप और पापियों को हटाने की प्रक्रिया के बारे में चेतावनी देती है, जिसमें पृथ्वी पर विनाश होगा और इस प्रक्रिया में वायु, जल, भूमि और आकाश के रूप में भी श्री कृष्ण की सेना होगी।

आज सारा विश्व देख रहा है धरती एक बड़े परिवर्तन की ओर जा रही है । परिवर्तन ऐसा है जिसमें मानव सभ्यता के लिए बहुत सारी आपदाएं और मुसीबतें आ रही हैं । इस परिवर्तन का कारण युग परिवर्तन हो चुका है।

अब सत्ययुग आने वाला है । युग संधि के समय पर ऐसा होता है । जिस कारण से आज धरती पर ऐसा समय आ रहा है । इस समय पर मानव लोगों के उद्धार के लिए उड़ीसा की अति पावन जगन्नाथ संस्कृति की परंपरा में एक अक्षय ग्रंथ की रचना हुई।

सारे विश्व में जितने भी धर्म हैं , जितने भी पंथ हैं कहीं पर भी कोई ऐसा ग्रंथ नहीं है जिसमें मानव सभ्यता के उद्धार धरती पर मानव सभ्यता की सुरक्षा के लिए कोई‌ रचना की गई हो।

Pandit Kashinath Mishra
Pandit Kashinath Mishra

इस पवित्र ग्रंथ में मानव सभ्यता की सुरक्षा तथा उद्धार और भगवान कल्कि को प्राप्त करने के लिए जो सनातन धर्म का परम तत्व है उसकी रचना की गई है।

यह ग्रंथ सनातन धर्म का आखिर और अंतिम शास्त्र है जिसकी रचना उड़ीसा की अति पावन भूमि में भगवान के नित्य पंचसखा द्वारा की गई । इसकी हिंदी, अंग्रेज़ी तथा भारत और विश्व की कई भाषाओं में रचना उड़ीसा के विद्वान परम पूज्य पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी के द्वारा की गई ।

आप देखिए कि श्री कृष्ण जानते हैं कि आप घबरा रहे हैं कि बहुत जल्द आपको युद्ध, बाढ़, भूस्खलन और बीमारियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन जिस तरह से श्री कृष्ण ने कौरवों से दुनिया को बचाया था उसी तरह से वह कलियुग से फिर से दुनिया को बचाने जा रहे हैं। आगामी भविष्यवाणियों के बारे में पंडित काशीनाथ मिश्रा जी की बैठकों को सुनते रहें और श्री कृष्ण पर दृढ़ विश्वास रखें। अब आप श्री सत्य अनंत माधव के एक नए सौंदर्य में श्री कृष्ण को देखेंगे।

अगर मानव सभ्यता अपना उद्धार चाहती है और आगे बढ़ना चाहती है तो इस ग्रंथ को जरूर पढ़ें और इस ग्रंथ का परम तत्व मानव सभ्यता के कल्याण के लिए बांटें।काशीनाथ मिश्र जी संपूर्ण विश्व में सनातन एकता और प्रचार हेतु जो सभाएं आयोजित करते हैं उनकी उनकी जानकारी यहां से लें। Click Here...

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जिससे मानव सभ्यता एक सुंदर, पवित्र, शुद्ध, शक्तिशाली, सनातन मानव सभ्यता बन पाए । और मानव सभ्यता का आने वाली आपदाओं से उद्धार हो पाए।

यही इस ग्रंथ का सबसे बड़ा परम तत्व है और इस तत्व को मानव सभ्यता को अनुसरण करना चाहिए। समय और अधिक नहीं है इसी समय पर यह परम तत्व का अनुसरण करना बहुत जरूरी है।

भविष्य मालिका पुराण 2023 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है, जिसे पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने लिखा है। यह पुस्तक मुख्य भविष्य मालिका ग्रंथ का हिंदी अनुवाद है।

- हिन्दी, अंग्रेजी सहित अन्य 13 भाषाओं में भी उपलब्ध. Read Now

पंच सखाओं ने स्वयं भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर कलियुग के अंत और सत्ययुग की शुरुआत के विषय में लाखों ग्रंथों के समूह की रचना की और इन्हें भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर अति गुप्त रखा गया ताकि लोगों को समय से पहले इसका ज्ञान होने पर संसार में अव्यवस्थता ना फैल जाए। इस अति गुप्त ग्रंथ में कलियुग के अंत और भगवान कल्कि के प्राकट्य के विषय में रहस्यमय जानकारी दी गई है तथा सत्ययुग की शुरुआत कैसे होगी इस विषय में भी विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है

भविष्य मालिका ग्रन्थ में मुख्य रूप से भगवान श्री कल्कि जी के धरा अवतरण, भक्तों का एकत्रीकरण, सुधर्मा महा-महा संघ और 16 मंडल का गठन, खंड प्रलय, अग्नि प्रलय, जल प्रलय, भूकंप, रोग महामारी एवं तृतीय विश्व युद्ध से लेकर अनंत युग / आद्य सतयुग के आगमन तक का संपूर्ण वर्णन किया गया है। भविष्य मालिका पुराण के अनुसार सन् 2032 से पूर्व संपूर्ण विश्व में सभी धर्मों और पंथों का पुनर्गठन होकर सारे विश्व में केवल सत्य सनातन धर्म प्रतिष्ठित होगा और 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी। ।

त्रिसंध्या / त्रिकाल संध्या / त्रिसंध्या धारा- मनुष्य से देवता बनाने वाली महा औषधी

सनातन संस्कृति के अनुसार तीन संध्या काल पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति तथा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भगवान महाविष्णु की स्तुति तथा उनको धन्यवाद किया जाता है। सतयुग, त्रेतायुग व द्वापरयुग में त्रिकाल संध्या प्रत्येक व्यक्ति के दिनचर्या का एक अभिन्न अंग था। कलियुग के घोर प्रभाव के कारण सनातन संस्कृति का विलोप होता चला गया तथा मनुष्य के दैनिक कर्म और त्रिसंध्या धारा का लोप हो गया। पुनः महापुरुष अच्युतानंद दास जी ने भविष्य मालिका में कली कलमष से उद्धार तथा सत्ययुग में जाने के लिए त्रिसंध्या धारा को बहुत महत्वपूर्ण तथा सभी मानव के कल्याण लिए जरूरी बताया है।

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भविष्य मालिका पुराण 2023 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है, जिसे पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने लिखा है। यह पुस्तक मुख्य भविष्य मालिका ग्रंथ का हिंदी अनुवाद है।

- हिन्दी, अंग्रेजी सहित अन्य 13 भाषाओं में भी उपलब्ध

Available on Amazon, Flipkart, Google Play Books (Free)

पंच सखाओं ने स्वयं भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर कलियुग के अंत और सत्ययुग की शुरुआत के विषय में लाखों ग्रंथों के समूह की रचना की और इन्हें भगवान जगन्नाथ जी के निर्देश पर अति गुप्त रखा गया ताकि लोगों को समय से पहले इसका ज्ञान होने पर संसार में अव्यवस्थता ना फैल जाए। इस अति गुप्त ग्रंथ में कलियुग के अंत और भगवान कल्कि के प्राकट्य के विषय में रहस्यमय जानकारी दी गई है तथा सत्ययुग की शुरुआत कैसे होगी इस विषय में भी विस्तृत रूप से वर्णन किया गया है

भविष्य मालिका ग्रन्थ में मुख्य रूप से भगवान श्री कल्कि जी के धरा अवतरण, भक्तों का एकत्रीकरण, सुधर्मा महा-महा संघ और 16 मंडल का गठन, खंड प्रलय, अग्नि प्रलय, जल प्रलय, भूकंप, रोग महामारी एवं तृतीय विश्व युद्ध से लेकर अनंत युग / आद्य सतयुग के आगमन तक का संपूर्ण वर्णन किया गया है। भविष्य मालिका पुराण के अनुसार सन् 2032 से पूर्व संपूर्ण विश्व में सभी धर्मों और पंथों का पुनर्गठन होकर सारे विश्व में केवल सत्य सनातन धर्म प्रतिष्ठित होगा और 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी। ।

चार मुख्य वाणियों का पालन करें

1 - बात मानना सीखिए

2 - प्रतीक्षा करना सीखिए

3 - प्रेम करना सीखिए

4 - इन्द्रियों से उपवास करना सीखिए

समय:-

 प्रातः - 3:35 AM से 6:30 AM
 दोपहर - 11:30 AM से 12:30 PM
 सायं - 5:30 PM से 6:30 PM

पंडित जी बहुत व्यस्त रहते हुए भी प्रतिदिन स्वयं भोजन बनाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। सम्पूर्ण जगत में धर्म की स्थापना के लिए त्रिसंध्या वितरण संजीवनी औषधि के रूप में है तथा श्रीमद्भागवत के नियमित पाठ के साथ-साथ माधव नाम का निरंतर जप ही पंडित जी का दिया हुआ अमृत है।धारा अपना लेने से भक्तों को जीवन के कष्टों से निवृत्ति मिलती है और प्रभु के दर्शन होते हैं

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The most revered Pandit Shri Kashinath Mishra ji

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The great scholar of Jagannath culture.

Bhavishya Malika Purana is a Hindi language book published by Notion Press in 2023, written by Pandit Shri Kashinath Mishra ji. This book is a Hindi translation of the main Bhavishya Malika Granth.

Today the whole world is seeing that the earth is moving towards a big change. This change is such that many disasters and troubles are coming for human civilization. The reason for this change has been the change of era.

Now the Satya Yuga is about to come. This happens at the time of the junction of the era. Due to which such a time is coming on earth today. At this time, an Akshay Granth was composed in the tradition of the most sacred Jagannath culture of Orissa for the salvation of human beings.

There is no such Granth anywhere in the world in whatever religions, whatever sects there are, in which something has been composed for the salvation of human civilization and protection of human civilization on earth.

In this holy book, the ultimate essence of Sanatan Dharma has been composed for the protection and salvation of human civilization and to attain Lord Kalki.

This book is the last and final scripture of Sanatan Dharma which was composed by Nitya Panchasakha of Lord in the most sacred land of Orissa. It was composed in Hindi, English and many languages ​​of India and the world by the learned and revered Pandit Shri Kashinath Mishra of Orissa.

If human civilization wants its salvation and wants to move forward, then definitely read this book and distribute the essence of this book for the welfare of human civilization. Kashinath Mishra ji organizes meetings all over the world for Sanatan unity and promotion, get information about them from here. Click Here...

So that human civilization can become a beautiful, sacred, pure, powerful, Sanatan human civilization. And human civilization can be saved from the coming disasters.

This is the biggest ultimate element of this book and this element should be followed by human civilization. There is no more time left, it is very important to follow this ultimate element at this time.

Bhavishya Malika Purana is a Hindi language book published by Notion Press in 2023, written by Pandit Shri Kashinath Mishra ji. This book is a Hindi translation of the main Bhavishya Malika Granth.

- Also available in 13 other languages ​​including Hindi, English. Read Now

Available on Amazon, Flipkart, Google Play Books (Free)

The Pancha Sakhas composed a group of lakhs of texts on the end of Kaliyug and the beginning of Satyayug on the instructions of Lord Jagannath himself and these were kept top secret on the instructions of Lord Jagannath so that if people come to know about it before time, chaos does not spread in the world. In this top secret text, mysterious information has been given about the end of Kaliyug and the appearance of Lord Kalki and how Satyayug will begin has also been described in detail.

In the Bhavishya Malika Granth, mainly the complete description has been given from the incarnation of Lord Shri Kalki Ji on earth, gathering of devotees, formation of Sudharma Maha-Maha Sangh and 16 Mandals, Khand Pralaya, Agni Pralaya, Jal Pralaya, earthquake, disease epidemic and third world war to the arrival of Anant Yug / Aadya Satya Yug. According to Bhavishya Malika Purana, before 2032, all the religions and sects in the whole world will be reorganized and only true Sanatan Dharma will be established in the whole world and Satya Yug will start from 2032.

Follow the four main Vaanis

1 - Learn to obey

2 - Learn to wait

3 - Learn to love

4 - Learn to fast from the senses

Time:-

Morning - 3:35 AM to 6:30 AM

Afternoon - 11:30 AM to 12:30 PM

Evening - 5:30 PM to 6:30 PM

Even though Pandit ji is very busy, he cooks food himself and consumes it as prasad every day. For the establishment of religion in the whole world, distribution of Trisandhya is like a Sanjeevani medicine and along with regular recitation of Shrimad Bhagwat, continuous chanting of Madhav name is the nectar given by Pandit ji. By adopting Dhara, devotees get relief from the troubles of life and get the darshan of God.