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डॉ मधुछन्दा चक्रवर्ती
डॉ मधुछन्दा चक्रवर्ती (जन्म 23 अप्रैल 1983) एक हिंदी लेखिका और कवयित्री हैं। वह विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर अपनी विचारोत्तेजक लेखन के लिए जानी जाती हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ। मधूचंदा चक्रवर्ती का जन्म 23 अप्रैल 1983 को इम्फाल, मणिपुर में हुआ था। उन्होंने अपना बचपन असम राइफल्स कैंपस में बिताया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुरुचरण कॉलेज, सिलचर, असम में पूरी की और बाद में असम विश्वविद्यालय, सिलचर में हिंदी में अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा पूरी की, जहां उन्होंने अपनी एमए और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उनके शोध के विषय पंडित सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के उपन्यासों का सामाजिक अध्ययन था।
साहित्यिक करियर
डॉ। चक्रवर्ती ने बुलबुला, मासूम, वीरजया और रिश्ते सहित कई कविता और कथा पुस्तकें लिखी हैं। उनके लेखन में अक्सर प्रेम, रिश्तों और सामाजिक न्याय के विषयों का अन्वेषण किया जाता है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक विरासत सहित विभिन्न विषयों पर निबंध और लेख भी लिखे हैं।
प्रसिद्ध कृतियाँ
- बुलबुला (लघु कहानी) - मासूम (लघु कहानी) - वीरजया (लघु कहानी) - रिश्ते (कविता) - भूख (कविता) - उपन्यासकार निराला- एक अध्ययन (pustak) - दावानल ( कहानी संग्रह)
पुरस्कार और सम्मान:
1. दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज और दिल्ली के सहित्य संचय द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा और साहित्य में अनुसंधान के लिए सम्मानित किया गया। 2. नवमान पब्लिकेशन द्वारा 2020 में सामाजिक मुद्दों पर कविता प्रकाशन के लिए कलमकार साहित्य सम्मान। 3. विश्व हिंदी लेखिका मंच द्वारा 2021 में विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कविता प्रकाशन के लिए श्रेष्ठ कवियात्री सम्मान। 4. नवमान पब्लिकेशन द्वारा 2021 में भारतीय सेना और उनके देश के प्रति समर्पण पर लिखी गई कविता के लिए कलाम वीर सम्मान। 5. यूजीसी केयर जर्नल और पुस्तकों में विभिन्न शोध प्रकाशन के लिए माउंट कार्मेल कॉलेज द्वारा सम्मानित किया गया।
संदर्भ
कविता कोश
हिंदी समय
साहित्य गंगा
नये विचार- मधुछन्दा