Jump to content

User:Dr. Amrita Chaurasia

From Wikipedia, the free encyclopedia

संगीत का महत्व

संगीत में जादू जैसा असर है। भगवान् श्रीकृष्ण ने अपनी बांसुरी के द्वारा मधुर तान छेड़कर तीनों लोकों को मोह लिया था। प्रकृति के कण-कण में संगीत की सजीवता विद्यमान होती है। दुनियाभर में संगीत प्रेमियों की कमी नहीं है। चाहे आप खुश हो या दुखी, संगीत आपके मूड के हिसाब से काम करता है। हम सब जानते हैं संगीत हमारा एक ऐसा दोस्त है जो हमारे तनाव को दूर करके हमारे मूड को बेहतर बनाने का काम करता है। आज की भागदौड़ भरी जिदंगी में लोगों को कई प्रकार की मानसिक परेशानियों, तनाव और अन्य समस्याओं से जूझना पड़ता है और संगीत इन सबसे उबरने में मददगार साबित हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि हर ‌किसी शख्स के साथ अपने पसंद की गीत सुनने के दौरान मन झुमने लगता है, ‌दिमाग में आनंद छा जाता है, कभी ‌किसी धुन पर आंसू तक ‌निकल आते हैं। दरअसल मनोवैज्ञा‌निक भी मानते हैं ‌कि संगीत का सेहत से गहरा संबंध है। संगीतकारों का कहना है ‌कि हर राग जीवन से जुडा है और तन मन तो स्वत: रागों में खो जाते हैं। आदि काल से संगीत का सेहत पर पडने वाले सकारात्मक पहलू को ही अब संगीत थैरेपी (संगीत चिकित्सा) का नाम दे ‌दिया गया है। अब ‌विज्ञान के क्षेत्र में भी संगीत के स्वास्थ्य से संबंध पर शोध हो रहे हैं। संगीत के महत्व को शब्दों में बयां करना इतना आसानी नहीं है क्योंकि किसी के लिए संगीत साधन तो किसी के लिए साधना है। कठिन समय में किसी के लिए जीने का हौंसला तो बुरे दौर में किसी की ताकत और राहत।  संगीत शरीर की कई बीमारियों का इलाज करने में भी सहायक है क्योंकि यह आत्मा का उन्नयन करता है। संगीत सुनने से दिमाग को शांति मिलती है जिसके कारण तनाव और अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलता है। रोजाना सुबह-शाम कुछ देर तक संगीत सुनने से उच्च रक्तचाप की बीमारी में सुधार होता है, वहीं धीमी गति का संगीत सुनने से स्ट्रोक की समस्या दूर होती है। योग से हम स्वस्थ रहते हैं उसी तरह हम संगीत से भी स्वस्थ व प्रसन्न रहते हैं। कहा जाता है कि प्रकृति के कण-कण में संगीत का सुर सुनाई देता है। संगीत यानी सुख-दुख का साथी है संगीत जिससे हम कभी नहीं दूर रह सकते। संगीत केवल गीतों भजनों और वाद्य यंत्रों से उत्पन्न ध्वनि के अलावा सृष्टि के कण कण में व्याप्त है।हमारे शरीर की हर कोशिका में संगीत बजता है। दिल की धड़कन में संगीत है।धमनियों में रक्त प्रवाह का संगीत है। चाल में संगीत है। विचार में संगीत है। कहने का तात्पर्य है कि हमारे जीवित होने का प्रमाण है संगीत।संगीत ही जीवन है तो संगीत ही अध्यात्म है जो कि हमें ईश्वर से जोड़ता है। संगीत की यही समझ उसकी सच्ची परिभाषा है।