User:Dipti ogre
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अन्तर्राष्ट्रीय भरथरी गायिका सुरुज बाई खाण्डे....
परिचय -
जन्म : 12 जून 1949 में पौंसरी, तहसील बिल्हा, जिला बिलासपुर के सतनामी समाज के एक समान्य कृषक परिवार में हुआ । माता का नाम : श्रीमती रेवती बाई पिता का नाम : श्री घसिया घृतलहरे पति : लखनलाल खाण्डे शिक्षा : अशिक्षित गायन शिक्षा : 7 वर्ष की आयु से अपने नाना रामसाय जी के द्वारा। गायन विधा : भरथरी के साथ ही साथ ढ़ोला मारू, चंदैनी, आल्हा उदल, पंथी गायन भी। मृत्यु : 10 मार्च 2018, ह्रदय घात से।
विशेषता -
- आप भरथरी गाने वाली छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला कलाकार रही है ।
- आपको छत्तीसगढ़ की Melody queen के नाम से भी जाना जाता है।
- सुरुज बाई भरथरी की प्रस्तुति वेदमती शैली (बैठकर गायन) और कापालिक शैली (खड़े होकर गायन) दोनों में करती थी।
- 1987-88 Union of Soviet Socialist Republics का हिस्सा बन भरथरी को रूस पहुंचाने वाली पहली कलाकार रही है।
- हबीब तनवीर बंशी कौल जैसे नाटककारों के साथ भी आपने काम किया ।
- आप एस.ई.सी.एल में कला संयोजक के पद पर कार्यरत थी।
- मध्यप्रदेश आदिवासी लोककला परिषद् के माध्यम से पूरे मध्यप्रदेश, दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद, राजस्थान, नागालैण्ड, कोलकाता, मद्रास, पाण्डीचेरी, इलाहाबाद एवं जोधपुर में कार्यक्रम देने का अवसर मिला।आदिवासी लोककला परिषद् के समर्थ सहयोग से ही आपको रूस में भारतीय लोक कला को ले जाने का अवसर मिला और आपके द्वारा वहाँ भारतीय संस्कृति की अमिट छाप छोड़ी गई।
सम्मान-
- मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा 2001 में देवी अहिल्या बाई सम्मान से नवाज़ा गया।
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दाऊ रामचंद्र देशमुख सम्मान 2006 *स्व देवदास बंजारे स्मृति सम्मान 2006
- बिसाहू दास महंत एवं कला साधना सम्मान 2010
- भास्कर वुमन ऑफ द ईयर 2010 से सम्मानित
- चक्रधर समाहारों रायगढ़ में सम्मानित
भरथरी जैसी विधा को विलुप्त होने से बचाने में आपका महत्वपूर्ण योगदान रहा है इस महान विरासत को अपने जीवनकाल में ही अपने प्रियजनों को सौंपने का काम किया जिनमें मुख्य रूप से बिलासपुर में ही लखन लाल खाण्डे जी श्रीमती सोहारा बाई खाण्डे जी भिलाई में कुमारी वंदना जी और भोपाल भारत भवन में आये हुए लोक कलाकार द्वारिका जी थे।
पूर्व में हुए सड़क दुर्घटना की वजह से सुरुज बाई कमजोर होती चली जा रहीं थी और अचानक हृदयाघात होने से 10 मार्च 2018 उनकी आकस्मिक निधन हो गई आपका पूरा जीवन कला को समर्पित रहा आपके इस मत्वपूर्ण योगदान के चलते भरथरी से आपका और आपसे भरथरी का नाम हमेशा अमर रहेगा।
दीप्ति ओग्रे