User:Dharmendra93
इस दुनिया में तीन प्रकार के व्यक्ति होते है और वो चाहे तो क्या नहीं कर सकते वस सोच को एक चीज पर निर्धारित करना होगा
प्रथम_ जो व्यक्ति इस वर्ग के होते है जब व्यक्ति सोचता है कि में हर कार्य आसानी से कर दूंगा हूं और उस कार्य मे लग जाता है लेकिन कुछ समय बाद जब उन व्यक्ति को उस कार्य मे ज्यादा मेहनत लगती है तो वह उस कार्य को छोड़ देते है क्योंकि उनकी सोच हर काम को कम मेहनत से सफल होने कि होती है जब ऐसा नहीं हो पता है तो वह यह सोच कर छोड़ देते है कि मुझसे नहीं हो पाएगा। इन न व्यक्ति को प्रथम वर्गीय कहते है
द्वितीय_ जो व्यक्ति इस वर्ग के होते है यह व्यक्ति किसी भी कार्य को करने कि इच्छा रखते है और कार्य को प्रारम्भ करते और उसको अच्छे से भी करते है लेकिन उनको उस कार्य मे कही लॉस हो जाए तो वह यह सोच कर छोड़ देते है कि इस कार्य में कुछ नहीं है बल्कि अर्ध सफल भी होते परन्तु बीच मे उस कार्य को छोड़ देते है इन व्यक्ति को मध्यम वर्ग के कहते है
तृतीया_ ओर जो व्यक्ति इस वर्ग कई होते है। इस वर्ग मे उस प्रकार के व्यक्ति होते है जो मन ने निश्चित कर लिया कि मुझे यह कार्य करना है तो कुछ भी हो जाए उस कार्य को सफल करना है चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों ना आ जाए फिर भी उन के मन में यही होता है की हम को यह कार्य पूर्ण करना है और वही व्यक्ति कामयाब होता है। इन व्यक्ति को उत्तम वर्ग के कहते है
और इन वर्गीय व्यक्ति को कामयाब कहते है।
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p.t. Dharmendra sharma 🤏🤏👍🙏🙏