User:अजय कुमार राजन जी (साजन)
Appearance
Date: Feb 13, 2021 Subject: प्रेम प्रसंग शायरी
(1) पता नहीं किस देव का, मुझसे भोग लग गया | जो तुमसे दोस्ती करने पर, प्रेम रोग लग गया ||
(2)
प्यार का शुरूर है, हुस्न का गुरूर है | आज ------ डे पर, मिलना जरूर है ||
(3) इश्क की शुरुआत है , प्रेम की बौछार कर | नहीं मिलने आ सकते ,तो फोन पर ही बात कर ||
(4)
मैं अकेले में तुमसे, मिलना चाहता हूं | कुछ बात मैं तुमसे करना चाहता हूं ||
कब तक छिपा के रखूं दिल के जज्बातों को ,
अब दिल के जज़्बातों को बयां करना चाहता हूं ||
(5)
झील सी गहरी तेरी आंखों में, मै डूबना चाहता हूं | जीवन के हर पथ पर तेरे संग चलता चाहता हूं ||
तेरे बारे में क्या कहूं, तो इतनी भावपूर्ण है |
कि अपने भावो को तेरे भावो में मिलाना चाहता हूं ||
कवि- अजय कुमार राजन 'अजेय' मढिया, थोकमाधौ, बघौली ,हरदोई UP
--- Shared using https://www.writediary.com/getapp